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Zenx H.P
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Kangra News: हिमाचल प्रदेश
एक तरफ हिमाचल प्रदेश 1 लाख करोड़ रुपये के भारी कर्ज के नीचे दबा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ सरकार 24 से 31 दिसंबर तक उत्सव मनाने की तैयारी कर रही है। अब ट्विस्ट यह है कि इस आयोजन के लिए प्रशासन ने व्यापारियों और कारोबारियों से ‘चंदा’ (Donations) मांगना शुरू कर दिया है।
कांगड़ा जिला प्रशासन आगामी Kangra Valley Carnival के जरिए टूरिज्म और कल्चर को प्रमोट करना चाहता है। लेकिन सरकारी खजाने की हालत देखते हुए, अब फंड जुटाने के लिए एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया है।
कांगड़ा जिला खाद्य आपूर्ति विभाग (Food and Supply Department) के जिला कंट्रोलर पुरुषोत्तम सिंह की ओर से जारी यह आदेश सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें साफ तौर पर वित्तीय सहायता (Financial Help) की मांग की गई है।
प्रशासन ने जिले के लगभग सभी प्रमुख व्यवसायियों को इस लिस्ट में शामिल किया है:
पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियां
चावल और आटा मिलर्स
ईंट भट्टा संचालक
HPTL लाइसेंस होल्डर्स
पत्र में लिखा गया है कि इस कार्यक्रम की सफलता के लिए आप सभी की ‘मदद’ चाहिए। प्रशासन चाहता है कि तय समय से पहले यह राशि जमा कर दी जाए।
विपक्ष और आम जनता के बीच इस बात को लेकर नाराजगी है कि जब प्रदेश आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है, तो मेलों और कार्निवल्स पर पैसा खर्च करना कितना सही है?
State Debt: हिमाचल पर 1 लाख करोड़ का कर्ज है।
Public Opinion: लोगों का कहना है कि एक तरफ सैलरी और पेंशन के लिए मशक्कत हो रही है, दूसरी तरफ उत्सवों के लिए व्यापारियों पर दबाव बनाया जा रहा है।
प्रशासन का मानना है कि ऐसे आयोजनों से टूरिज्म को बढ़ावा मिलता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लंबे समय में फायदा होता है। हालांकि, चंदा मांगने की इस प्रक्रिया ने सरकार की वित्तीय मैनेजमेंट पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
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