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हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगाना अब अनिवार्य कर दिया गया है। परिवहन विभाग ने एचआरटीसी को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि सभी बसों में यह नंबर प्लेट लगाई जाए, अन्यथा चालान की कार्रवाई होगी। शिमला में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) ने बसों की जांच शुरू कर दी है और निगम को नियमों का पालन करने की चेतावनी दी है। यह कदम ई-डिटेक्शन सिस्टम के तहत उठाया गया है, जो वाहनों की निगरानी को और सख्त करता है। इस लेख में हम आपको एचआरटीसी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से जुड़ी ताजा जानकारी, नियम, चालान की प्रक्रिया, और इसे लागू करने की प्रक्रिया के बारे में सरल और विस्तृत जानकारी देंगे।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) एक विशेष प्रकार की नंबर प्लेट है, जो वाहनों की सुरक्षा और ट्रैकिंग को बेहतर बनाती है। यह नंबर प्लेट टैम्पर-प्रूफ होती है और इसमें एक यूनिक कोड, क्रोमियम-आधारित होलोग्राम, और लेजर-एच्ड नंबर होता है। परिवहन विभाग ने इसे अनिवार्य करने के पीछे निम्नलिखित कारण बताए हैं:
हालांकि, एचआरटीसी की 2500 से अधिक बसें अभी तक बिना HSRP के चल रही थीं। परिवहन विभाग की सख्ती के बाद अब निगम ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश के परिवहन विभाग ने एचआरटीसी को नियमों का पालन करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। शिमला में आरटीओ अनिल शर्मा की टीम ने हाल ही में टुटू उपनगर में नाकाबंदी के दौरान एचआरटीसी बसों की जांच की। इस दौरान बसों में HSRP न होने की कमी पाई गई। आरटीओ ने निम्नलिखित कदम उठाए:
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि अब सरकारी बसों को भी नियमों से छूट नहीं दी जाएगी। ई-डिटेक्शन सिस्टम के लागू होने के बाद यह नियम और सख्त हो गया है, जो टोल प्लाजा और हाइवे पर वाहनों की निगरानी करता है।
एचआरटीसी प्रबंधन ने परिवहन विभाग की सख्ती के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। निगम ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
एचआरटीसी के पास 2500 से अधिक बसें हैं, जिनमें साधारण बसें, डीलक्स, वॉल्वो, और इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। इन सभी में HSRP लगाना एक बड़ा कार्य है, लेकिन निगम ने इसे प्राथमिकता दी है।
यदि कोई वाहन HSRP के बिना चलता पाया जाता है, तो केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 192 के तहत चालान किया जाता है। इसके तहत:
एचआरटीसी की बसें सरकारी होने के कारण अब तक चालान से बची थीं, लेकिन अब परिवहन विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।
ई-डिटेक्शन सिस्टम एक आधुनिक निगरानी तंत्र है, जो वाहनों के दस्तावेजों और नियमों की जांच के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:
यह सिस्टम हिमाचल प्रदेश के हाइवे और प्रमुख सड़कों पर लागू हो चुका है, जिसके चलते HSRP की अनिवार्यता और सख्त हो गई है।
HSRP में कई खास विशेषताएं होती हैं, जो इसे सामान्य नंबर प्लेट से अलग बनाती हैं:
एचआरटीसी बसों में HSRP लागू होने से यात्रियों और चालकों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
प्रश्न 1: हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट क्या है?
उत्तर: HSRP एक टैम्पर-प्रूफ नंबर प्लेट है, जिसमें यूनिक कोड और होलोग्राम होता है, जो वाहन की सुरक्षा और ट्रैकिंग के लिए अनिवार्य है।
प्रश्न 2: एचआरटीसी बसों में HSRP कब तक लग जाएगी?
उत्तर: निगम ने अगले कुछ दिनों में चरणबद्ध तरीके से यह कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया है।
प्रश्न 3: HSRP न होने पर कितना चालान होगा?
उत्तर: पहली बार ₹5000 और दूसरी बार ₹10,000 तक का जुर्माना हो सकता है।
प्रश्न 4: ई-डिटेक्शन सिस्टम कैसे काम करता है?
उत्तर: यह सिस्टम सीसीटीवी और तकनीक के जरिए वाहनों की नंबर प्लेट और दस्तावेजों की जांच करता है।
प्रश्न 5: क्या यात्रियों को HSRP से कोई असुविधा होगी?
उत्तर: नहीं, लेकिन जांच के दौरान मामूली देरी हो सकती है। समय से यात्रा शुरू करें।
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अब अनिवार्य है, और परिवहन विभाग ने इसकी सख्ती से निगरानी शुरू कर दी है। शिमला में शुरू हुई जांच全省 में लागू होगी, और नियम तोड़ने वाली बसों का चालान होगा। एचआरटीसी ने चरणबद्ध तरीके से HSRP लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसे जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। ई-डिटेक्शन सिस्टम के तहत यह कदम वाहनों की सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ाएगा। यात्रियों और चालकों को सलाह दी जाती है कि वे नियमों का पालन करें और जांच के लिए तैयार रहें।
ताजा अपडेट के लिए एचआरटीसी की आधिकारिक वेबसाइट या परिवहन विभाग के पोर्टल पर नजर रखें।