हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) का रीजनल सेंटर धर्मशाला निचले हिमाचल के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र है। हाल ही में खबर आई है कि इस सेंटर में नए कोर्स शुरू करने की मांग तेज हो रही है, ताकि कांगड़ा, चंबा, और आसपास के जिलों के हजारों छात्रों को बेहतर शैक्षिक अवसर मिल सकें। 200 कनाल भूमि पर फैला यह सेंटर वर्तमान में केवल एक एलएलबी भवन में सीमित पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) कोर्स संचालित कर रहा है। स्थानीय लोग और छात्र अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि शिमला से कुछ कोर्स धर्मशाला शिफ्ट किए जाएं और सेंटर की बुनियादी सुविधाओं को बेहतर किया जाए। इस लेख में हम आपको एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला के ताजा हालात, नए कोर्स की संभावनाएं, और इसके विकास के लिए उठाए जा रहे कदमों की पूरी जानकारी देंगे।
मुख्य बातें (हाइलाइट्स)
- नए कोर्स की मांग: निचले हिमाचल के छात्रों के लिए रीजनल सेंटर में नए पीजी और डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की जरूरत।
- 200 कनाल भूमि: सेंटर के पास बड़ी जमीन, लेकिन केवल एक एलएलबी भवन में चल रहे कोर्स।
- शिमला से कोर्स शिफ्ट: एचपीयू शिमला पर दबाव कम करने के लिए कोर्स धर्मशाला लाने की मांग।
- बुनियादी सुविधाओं की कमी: कोई नया भवन, खेल मैदान, या अन्य सुविधाएं नहीं; अवैध कब्जे की समस्या।
- वर्तमान कोर्स: 12 पीजी और डिप्लोमा कोर्स चल रहे, 50 कर्मचारियों का स्टाफ।
- ताजा अपडेट: स्थानीय लोग और छात्र सरकार से सेंटर के उन्नयन की मांग कर रहे हैं।
एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला: वर्तमान स्थिति
एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला की स्थापना 1992 में डिग्री कॉलेज धर्मशाला में हुई थी। 2013 में इसे खनियारा के मोहली में शिफ्ट किया गया। यह सेंटर 200 कनाल भूमि पर फैला है, लेकिन इसके बावजूद यहां विकास कार्य ठप हैं। वर्तमान में:
- सेंटर में केवल एक एलएलबी भवन है, जिसमें 12 पीजी और डिप्लोमा कोर्स चल रहे हैं।
- 1200 छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि भवन मूल रूप से केवल 180 छात्रों के लिए बनाया गया था।
- बुनियादी सुविधाओं की कमी: कोई नया अकादमिक ब्लॉक, खेल मैदान, या छात्रावास नहीं है।
- अवैध कब्जे: सेंटर की खाली पड़ी जमीन पर एक दर्जन से अधिक अवैध कब्जे हो चुके हैं।
- कर्मचारी: सेंटर में निदेशक, प्रिंसिपल सहित 50 कर्मचारी कार्यरत हैं।
हालांकि, सेंटर में सीमित संसाधनों के बावजूद यह कांगड़ा और चंबा जिलों के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत है।
नए कोर्स शुरू करने की जरूरत क्यों?
निचले हिमाचल (कांगड़ा, चंबा, ऊना, हमीरपुर) के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अक्सर शिमला या अन्य बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है। यह न केवल महंगा है, बल्कि समय और संसाधनों की बर्बादी भी करता है। एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला में नए कोर्स शुरू करने से निम्नलिखित फायदे होंगे:
- स्थानीय पहुंच: निचले हिमाचल के हजारों छात्रों को घर के पास उच्च शिक्षा मिलेगी।
- शिमला पर दबाव कम: एचपीयू शिमला में बढ़ती छात्र संख्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
- आर्थिक विकास: नए कोर्स और बेहतर सुविधाएं स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगी।
- रोजगार के अवसर: नए कोर्स के साथ शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती बढ़ेगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) धर्मशाला का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा, तो कम से कम रीजनल सेंटर को उन्नत किया जाए।
वर्तमान में चल रहे कोर्स
एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला में वर्तमान में निम्नलिखित 12 पीजी और डिप्लोमा कोर्स संचालित हो रहे हैं:
- पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स: एमए (हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र), एमकॉम, एमएससी (गणित, भौतिकी), एमबीए।
- प्रोफेशनल कोर्स: एलएलबी, बीएड।
- डिप्लोमा कोर्स: पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन (PGDCA), डिप्लोमा इन टूरिज्म।
हालांकि, इन कोर्सों की संख्या और विविधता निचले हिमाचल की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
नए कोर्स की संभावनाएं
स्थानीय लोग और छात्र संगठन सरकार और एचपीयू प्रशासन से निम्नलिखित क्षेत्रों में नए कोर्स शुरू करने की मांग कर रहे हैं:
- प्रौद्योगिकी और आईटी: बीटेक (कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस), एमसीए, साइबर सिक्योरिटी डिप्लोमा।
- पर्यटन और आतिथ्य: एमबीए (टूरिज्म मैनेजमेंट), डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी, एविएशन कोर्स।
- पर्यावरण और विज्ञान: एमएससी (पर्यावरण विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी), डिप्लोमा इन रिन्यूएबल एनर्जी।
- कला और संस्कृति: एमए (लोक कला, हिमाचली संस्कृति), डिप्लोमा इन क्रिएटिव राइटिंग।
- स्वास्थ्य और चिकित्सा: डिप्लोमा इन हेल्थकेयर मैनेजमेंट, नर्सिंग कोर्स।
इन कोर्सों को शुरू करने से न केवल छात्रों को फायदा होगा, बल्कि धर्मशाला जैसे पर्यटन केंद्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
बुनियादी सुविधाओं की कमी और चुनौतियां
एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जो इसके विकास में बाधा बन रही हैं:
- सीमित बुनियादी ढांचा: 1992 में बने एकमात्र एलएलबी भवन में 1200 छात्र पढ़ रहे हैं, जो अपर्याप्त है।
- शिक्षकों की कमी: कई पीजी कोर्स केवल एक लेक्चरर द्वारा संचालित हो रहे हैं।
- खेल सुविधाओं का अभाव: छात्रों के लिए कोई खेल मैदान या जिम नहीं है।
- अवैध कब्जे: सेंटर की 200 कनाल जमीन पर 12 से अधिक अवैध कब्जे हो चुके हैं।
- केंद्रीय विश्वविद्यालय की देरी: सीयू धर्मशाला का निर्माण कार्य शुरू न होने से रीजनल सेंटर पर दबाव बढ़ा है।
एचपीयू के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा है कि सेंटर में शिक्षकों की भर्ती और बुनियादी ढांचे के लिए राज्य सरकार से बात की जा रही है।
ताजा अपडेट (अप्रैल 2025)
- नए कोर्स की मांग: स्थानीय लोग और छात्र संगठन सरकार से रीजनल सेंटर में नए कोर्स शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
- शिक्षक भर्ती: सेंटर में 3 कॉमर्स और 1 इतिहास के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए मार्च 2025 में वॉक-इन इंटरव्यू आयोजित किए गए।
- मूट कोर्ट में सफलता: रीजनल सेंटर की लॉ टीम ने मार्च 2025 में अहिल्या बाई होल्कर लीगल एक्सीलेंस मूट कोर्ट में भाग लिया।
- एचपीयू आईसीडीईओएल: एचपीयू ने अप्रैल 2025 में डिस्टेंस एजुकेशन के लिए नए यूजी और पीजी कोर्स शुरू किए, लेकिन ये धर्मशाला सेंटर में उपलब्ध नहीं हैं।
- जमीन का उपयोग: सेंटर की कुछ जमीन हिमाचल प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HIMUDA) द्वारा हाउसिंग कॉलोनी के लिए उपयोग की गई है।
सरकार और एचपीयू से मांग
स्थानीय लोग और छात्र निम्नलिखित मांगें उठा रहे हैं:
- नए कोर्स शुरू करें: शिमला से कुछ पीजी और प्रोफेशनल कोर्स धर्मशाला शिफ्ट किए जाएं।
- नया भवन निर्माण: 200 कनाल जमीन पर नए अकादमिक ब्लॉक, लाइब्रेरी, और छात्रावास बनाए जाएं।
- शिक्षकों की भर्ती: स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति तुरंत की जाए।
- खेल मैदान: छात्रों के लिए खेल सुविधाएं विकसित की जाएं।
- अवैध कब्जे हटाएं: सेंटर की जमीन को कब्जा मुक्त किया जाए।
छात्रों और अभिभावकों के लिए सुझाव
- नए कोर्स की जानकारी: एचपीयू की आधिकारिक वेबसाइट hpuniv.ac.in और रीजनल सेंटर के नोटिस बोर्ड पर अपडेट चेक करें।
- प्रवेश प्रक्रिया: पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए काउंसलिंग और मेरिट लिस्ट की जानकारी समय पर लें।
- शिकायत दर्ज करें: सुविधाओं की कमी या अन्य समस्याओं के लिए सेंटर निदेशक या एचपीयू प्रशासन से संपर्क करें।
- कैरियर योजना: नए कोर्स शुरू होने पर पर्यटन, प्रौद्योगिकी, और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में अवसर तलाशें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला में कौन-कौन से कोर्स उपलब्ध हैं?
उत्तर: वर्तमान में 12 पीजी कोर्स (एमए, एमकॉम, एमएससी, एमबीए) और प्रोफेशनल कोर्स (एलएलबी, बीएड) चल रहे हैं।
प्रश्न 2: नए कोर्स कब शुरू होंगे?
उत्तर: अभी कोई आधिकारिक तारीख नहीं है, लेकिन स्थानीय लोग और छात्र सरकार से मांग कर रहे हैं।
प्रश्न 3: रीजनल सेंटर में सुविधाओं की कमी क्यों है?
उत्तर: सीमित बुनियादी ढांचा, शिक्षकों की कमी, और अवैध कब्जे मुख्य कारण हैं।
प्रश्न 4: क्या शिमला से कोर्स धर्मशाला शिफ्ट होंगे?
उत्तर: यह मांग उठ रही है, लेकिन अंतिम निर्णय सरकार और एचपीयू प्रशासन पर निर्भर है।
प्रश्न 5: रीजनल सेंटर की जमीन पर कब्जे का क्या समाधान है?
उत्तर: एचपीयू प्रशासन ने सरकार से इस मुद्दे पर बात की है, लेकिन अभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
निष्कर्ष
एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला निचले हिमाचल के लिए उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र हो सकता है, लेकिन नए कोर्स और बेहतर सुविधाओं की कमी इसे पीछे रख रही है। 200 कनाल जमीन होने के बावजूद, सेंटर केवल एक भवन में सीमित है और अवैध कब्जों का सामना कर रहा है। स्थानीय लोगों की मांग है कि शिमला से कोर्स शिफ्ट किए जाएं और सेंटर का उन्नयन हो। एचपीयू प्रशासन और राज्य सरकार से उम्मीद है कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे, ताकि कांगड़ा और चंबा के छात्रों को घर के पास गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
ताजा अपडेट के लिए hpuniv.ac.in, himachalgovt पर नजर रखें और रीजनल सेंटर के नोटिस बोर्ड की जांच करें।